आसमान में चमकता सूरज था वह,
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, साहित्य का रत्न।
कविता का सागर, भाषा का अभिनव,
उनकी रचनाएं, भारतीय साहित्य का अभिष्ट।
कहानियों की धारा, निबंधों की नदी,
निराला का पेन हमें दिलचस्प कहानियाँ सुनाती।
जीवन की मशाल, रौशनी से भरा,
उनका साहित्य, हमें सच्चे आदर्शों की ओर बढ़ाता।